तरुण स्त्री सभा की स्थापना कलकत्ता में गई थी। वर्ष 1819 में ईसाई धर्म प्रचारकों ने इसकी स्थापित की। इस सभा का नेतृत्व जे.ई.डी. बेथ्यून ने किया। बेथ्यून ने वर्ष 1849 में कलकत्ता में एक बालिका विद्यालय स्थापित किया। यह सभा स्त्री शिक्षा के लिए समर्पित थी। स्त्रियों में शिक्षा के प्रसार के लिए प्रायः सभी तत्कालीन सुधार आंदोलनों ने प्रयत्न किया लेकिन यह काम इनसे पहले ईसाइयों ने प्रारंभ किया था।