असम में 1857 की क्रान्ति का नेतृत्व मनीराम दत्ता ने किया था। असम में 1857 की क्रांति के इतिहास की धारा, हिन्दुस्तान के अन्य क्षेत्रों से थोडी भिन्न रही। यहाँँ पर ब्रिटिश साम्राज्य 1857 के पूर्व 30 वर्षो से हुकूमत चला रहा था। ऐसी स्थिति में यहाँँ के उच्च वर्ग को ऐसे राजा की तलाश थी जो उनके डूबते वैभव को बरकरार रख सके और सदियों से कुचले गए निम्न वर्ग को ऐसे मसीहा की खोज थी, जो उन्हें गरीबी के दलदल से उभार सके।