विक्रम संवत का प्रारम्भ 58 ईसा पूर्व में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य द्वारा किया गया। ईस्वी के पश्चात् संवत् की गणना करते समय प्रत्येक सन् में 58 वर्ष और जोड़कर संवत् की गणना की जाती है। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य ने अपनी सम्पूर्ण प्रजा का ऋण खुद चुकाकर इस संवत की शुरुआत करी थी। विक्रम संवत में समय की पूरी गणना सूर्य और चाँद के आधार पर की गयी है यानि दिन, सप्ताह, मास और वर्ष की गणना पूरी तरह से वैज्ञानिक है।