लघु ज्वार के समय सूर्य चन्द्रमा और पृथ्वी की स्थिति समकोणीय होती है। प्रत्येक चांद्रमास के शुक्ल पक्ष तथा कृष्णपक्ष की सप्तमी-अष्टमी तिथि को उत्पन्न होने वाले ज्वार जो सामान्य ज्वार से कम ऊंचे होते हैं। इस तिथि को सूर्य तथा चंद्रमा पृथ्वी से समकोणिक स्थिति (quadrature) में होते हैं और दोनों के ज्वारोत्पादक बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं जिसके कारण इस समय उत्पन्न ज्वार की ऊँचाई सामान्य ज्वार से कम होती है।
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