स्तनधारी तथा पक्षियों का हृदय चार वेश्मी होता है। ऊपर के दो कक्ष को दाहिना तथा बायाँ अलिन्द कहते हैं जबकि नीचे की ओर के कक्ष दाहिना तथा बायाँ निलय कहलाते हैं । दाहिना अलिन्द में शरीर से आनेवाला अशुद्ध रुधिर एकत्र होता है जबकि बाएँ अलिन्द में फेफड़ों से आने वाला शुद्ध रक्त एकत्र होता है। इस प्रकार से दोनों प्रकार का रुधिर (शद्ध तथा अशुद्ध) परस्पर मिल नहीं पाते । रुधिर के दोनों प्रकार के न मिलने से ऑक्सीजन के वितरण पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस प्रकार का रुधिर संचरण विशेष रूप से उन जन्तुओं के लिए अधिक लाभदायक होता है जिनमें दैनिक कार्यों के लिए अधिक ऊजी का आवश्यकता होती है ।