जीवधारी के शरीर की प्रत्येक कोशिका कार्बनिक यौगिकों द्वारा निर्मित होती है जिनमें कार्बन प्रमुख अवयव होता है। इन कोशिकाओं का जीवनकाल निश्चित होता है जिसके पश्चात् जीव की मृत्यु हो जाती है। कछ कोशिकाएँ कछ निश्चित सीमा तक विकसित होती है तत्पश्चात् वह विभाजित होती हैं। उसके जीवन काल में उसे सभी जैविक कार्यों को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो उसे कार्बनिक यौगिकों के विघटन से प्राप्त होती है। ये कार्बनिक यौगिक भोजन का रूप धारण करते हैं। ये भोजन ऊर्जा प्राप्ति का बाह्य यौगिक बनाते हैं।