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YASH SONI in राजनीति विज्ञान
संविधान की प्रस्तावना में वर्णित लोकतंत्र को किस रूप में स्वीकार किया गया है?

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KESHAV

सामाजिक आर्थिक ओर राजनीतिक लोकतन्त्र के रूप मे

प्रस्तावना(Preamble), को भारतीय संविधान का परिचय पत्र कहा जाता है. सन 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसमें संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था. प्रस्तावना, भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढावा देती है.

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KESHAV

संविधान की प्रस्तावना में वर्णित लोकतंत्र को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक लोकतन्त्र के रूप मे स्वीकार किया गया है

प्रस्तावना यह दावा करती है कि भारत एक संप्रभु देश है। सम्प्रुभता शब्द का अर्थ है कि भारत किसी भी विदेशी और आंतरिक शक्ति के नियंत्रण से पूर्णतः मुक्त सम्प्रुभता सम्पन्न राष्ट्र है। भारत की विधायिका को संविधान द्वारा तय की गयी कुछ सीमाओं के विषय में देश में कानून बनाने का अधिकार है।

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KESHAV

सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक लोकतन्त्र के रूप मे

प्रस्तावना यह दावा करती है कि भारत एक संप्रभु देश है। सम्प्रुभता शब्द का अर्थ है कि भारत किसी भी विदेशी और आंतरिक शक्ति के नियंत्रण से पूर्णतः मुक्त सम्प्रुभता सम्पन्न राष्ट्र है। भारत की विधायिका को संविधान द्वारा तय की गयी कुछ सीमाओं के विषय में देश में कानून बनाने का अधिकार है।

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