भारत की संप्रभुता भारत की जनता मे निहित है। संप्रभु एक क्षेत्र में सर्वोच्च अधिकार है। अधिकार लोगों के पास है लेकिन संसद के माध्यम से प्रयोग किया जाता है। संप्रभुता का अर्थ है कि लोगों को आंतरिक और बाहरी मामलों पर निर्णय लेने का सर्वोच्च अधिकार है और कोई भी बाहरी अधिकार भारत सरकार को निर्देशित नहीं कर सकता है।