1951 के तहत नौवीं अनुसूची जोड़ी गई थी तथा यह भारतीय संविधान के बनने के बाद पहला संशोधन था | अधिनियमों की वैधानिकता को न्यायालय में चुनौती नही दी जा सकती। वस्तुतः यह प्रावधान जवाहरलाल नेहरू सरकार द्वारा जमींदारी प्रथा उन्मूलन के विरोध को समाप्त करने तथा भूमि संबंधी सुधार में आने वाली अड़चनों को दूर करने हेतु किया गया था किन्तु भविष्य में इसका व्यापक दुरुपयोग देखने को मिला, जब कानूनी हस्तक्षेप से बचने के लिए लगभग 300 प्रावधान इस अनुसूची में शामिल कर दिए गए।