आर्य समाज की स्थापना 1875 ईसवी में मुंबई में दयानंद सरस्वती के द्वारा स्थापित की गई थी।
दयानंद सरस्वती का बचपन का नाम मूल शंकर था।
इनके गुरु का नाम विरजानंद था।
आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य- वैदिक धर्म को पुनः स्थापित करना तथा पश्चिमी सभ्यता एवं संस्कृति को समाप्त करना।
भारत को सामाजिक,धार्मिक एवं राजनीतिक एकता में बांधना ही मुख्य लक्ष्य था।
दयानंद सरस्वती को स्वराज्य का जन्मदाता माना जाता है।
इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम सत्यार्थ प्रकाश है।