राकेश शर्मा भारत के प्रथम और विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री थे। अपनी इस उपलब्धि से शर्मा उस दौर के एक बड़े नायक बन गए। युवाओं में उनकी लोकप्रियता कायम हो गई और उन्होंने एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया। उनकी उपलब्धि से प्रेरित होकर ही भारत सरकार ने उन्हें 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया। सोवियत सरकार ने भी उन्हें 'हीरो ऑफ सोवियत यूनियन' सम्मान से नवाजा। समय के साथ भारतीय वायुसेना भी पदानुक्रम की सीढ़ियां चढ़ते गए और विंग कमांडर के पद तक पहुँचे। विंग कमांडर के पद पर सेवानिवृत्त होने पर राकेश शर्मा ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में परीक्षण विमान चालक के रूप में भी काम किया।