ईरान के शाह और मुगल शासकों के बीच झगड़े की जड़ कंधार थी। जहांगीर ने ईरान से भारत का सिंहद्वार कहे जाने वाले तथा व्यापार एवं सैनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रान्त कंधार को जाता था। लेकिन 1621 ई. ईरान के शाह अब्बास ने इसे युद्ध द्वारा जीत लिया। 1622 ई. में खुर्रम (शाहजहां) के विद्रोह के कारण जहांगीर के समय ही कंधार मुगलों के हाथ से निकल गया |
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