30 जनवरी 1948 की शाम को जब वे संध्याकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे उनके पैर छूने का अभिनय करते हुए उनके सामने गए और उनपर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियाँ दाग दीं। उस समय गांधी अनुचरों से घिरे हुए थे।
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