रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र लाहिड़ी, अशफ़ाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद,रोशन सिंह ,शचींद्रनाथ सान्याल, मन्मथनाथ गुप्त मुख्य नायक थे। मन्मथनाथ गुप्त ने उत्सुकतावश व जल्दबाजी में माउजर का ट्रैगर दबा दिया जिससे छूटी गोली अहमद अली नाम के यात्री को लग गयी। वह मौके पर ही ढेर हो गया। शीघ्रतावश चाँदी के सिक्कों व नोटों से भरे चमड़े के थैले चादरों में बाँधकर वहाँ से भागने में एक चादर वहीं छूट गई। अगले दिन समाचार पत्रों के माध्यम से यह समाचार पूरे संसार में फैल गया। ब्रिटिश सरकार ने इस ट्रेन डकैती को गम्भीरता से लिया।