गणेश शंकर 'विद्यार्थी' का बलिदान दिवस 25 मार्च को मनाया जाता है | पंडित गणेश शंकर 'विद्यार्थी' का जन्म आश्विन शुक्ल 14, 1947 को अपनी ननिहाल, इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले में श्रीवास्तव (कायस्थ) परिवार में हुआ। इनके पिता मुंशी जयनारायण कायस्थ हथगाँव, जिला फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे। और माता का नाम गोमतीदेवी था। इन्होंने लोकमान्य तिलक को अपना राजनीतिक गुरु माना, किंतु राजनीति में गांधी जी के अवतरण के बाद आप उनके अनन्य भक्त हो गए। श्रीमती एनीं बेसेंट के 'होमरूल' आंदोलन में विद्यार्थी जी ने बहुत लगन से काम किया और कानपुर के मजदूर वर्ग के एक छात्र नेता हो गए। विद्यार्थी जी बड़े सुधारवादी किंतु साथ ही धर्मपरायण और ईश्वरभक्त थे। वक्ता भी बहुत प्रभावपूर्ण और उच्च कोटि के थे। यह स्वभाव के अत्यंत सरल, किंतु क्रोधी और हठी भी थे। कानपुर के सांप्रदायिक दंगे में मुस्लिमों द्वारा 25 मार्च 1931 ई. को इनकी हत्या कर दी गई|