ग्रीनहाउस प्रभाव से विश्व के तापमान में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जिसे सार्वभौमिक उष्णता कहते हैं। इसके मुख्य कारणों में नगरीकरण और औद्योगीकरण से कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि जैव । ईंधनों का अधिक प्रयोग होना है। इन पदार्थों के अधिक उपयोग से वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि हो रही है जो सार्वभौमिक उष्णता का प्रमुख कारण है। आद्योगिक क्रान्ति से पूर्व वायुमण्डल में कार्बन की मात्रा 0.0294 प्रतिशत थी जिसमें औद्योगीकरण के बाद 1980 तक 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसीलिए सार्वभौमिक उष्णता की दर भी तेजी से बढ़ रही है।