रोधिकाएँ जलमग्न आकृतियाँ हैं। जब यही रोधिकाएँ जल के ऊपर दिखाई देती हैं तो इनको रोध (Barriers) कहा जाता है। ऐसी रोधिकाएँ जिनका एक भाग खाड़ी के शीर्ष स्थल से जुड़ा हो तो उसे स्पिट (Spit) कहा जाता है जब रोधिका तथा स्पिट किसी खाड़ी के मुख पर निर्मित होकर इसके मार्ग को अवरुद्ध कर देते हैं तब लैगून (Lagoon) का निर्माण होता है। कालान्तर में जब यहीं लैंगून स्थल से आए तलछट द्वारा भर जाती है तो तटीय मैदान का निर्माण होता है।