1857 में मेरठ छावनी में विद्रोह का दिन 10 मई था। 29 मार्च, 1857 को मंगल पाण्डे नामक सिपाही ने बैरकपुर छावनी में अपने अफसरों पर हमला कर दिया। इस आरोप में उसे फाँसी पर लटका दिया गया। चंद दिन बाद मेरठ में तैनात कुछ सिपाहियों ने नए कारतूसों के साथ फौजी अभ्यास करने से इनकार कर दिया। सिपाहियों को लगता था कि उन कारतूसों पर गाय और सूअर की चर्बी का लेप चढ़ाया गया था। 85 सिपाहियों को नौकरी से निकाल दिया गया।